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शनि (१२) के परिणाम मीन लग्न के अलग-अलग भावों में - Blog H84 - 16032018

शनि के परिणाम मीन लग्न के अलग अलग भावों में




मीन लग्न की कुंडली 



मीन लग्न की कुंडली के प्रथम (पहले) भाव में शनि के परिणाम



मीन लग्न की कुंडली के द्वितीय (दूसरे) भाव में शनि के परिणाम



मीन लग्न की कुंडली के तृतीय (तीसरे) भाव में शनि के परिणाम:



मीन लग्न की कुंडली के चतुर्थ (चौथे) भाव में शनि के परिणाम



मीन लग्न की कुंडली के पंचम (पांचवे) भाव में शनि के परिणाम



मीन लग्न की कुंडली के षष्ठम (छठे) भाव में शनि के परिणाम




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मीन लग्न की कुंडली के सप्तम (सातवें) भाव में शनि के परिणाम



मीन लग्न की कुंडली के अष्ठम (आठवें) भाव में शनि के परिणाम



मीन लग्न की कुंडली के नवम (नवं) भाव में शनि के परिणाम




मीन लग्न की कुंडली के दशम (दसवें) भाव में शनि के परिणाम




मीन लग्न की कुंडली के एकादश (ग्यारहवें) भाव में शनि के परिणाम





मीन लग्न की कुंडली के द्वादश (बाहरवें) भाव में शनि के परिणाम




ध्यान दें: 
  • ग्रहों का कुंडली में सावधानी से अध्यान किये बगैर न तो कोई रत्न धारण करें और न ही कोई दान करें
  • ग्रहों के प्रभाव मुख्यत: दशा-अन्तर्दशा में ही दिखाई देते हैं
  • विभिन्न कारक जैसे विपरीत-राज-योग, नीच-भंग-राज-योग, कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दूसरे ग्रहों से संयोजन, ग्रहों का कोण/अस्त/वक्रीय होना ... ग्रहों द्वारा दिए जाने वाले परिणामों को प्रभावित करते है 
  • ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए किसी अछे ज्योतिषी से संपर्क करने के पश्चात् ही कोई उपाय करें
  • कई लोग आपको काल-सर्प, पित्र-दोष और मंगल-दोष आदि का डर दिखा कर अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं, ऐसे व्यक्तियों की बातों से बिलकुल नहीं घबराएं, उपाय सरल और आसान होते हैं जिन्हें आप बिना किसी की मदद के आसानी से स्वयं कर सकते हैं
  • रत्नों के चयन में कभी भी लापरवाही ना बरतें, मोती और पुखराज जैसे रत्न भी अगर कुंडली का उचित विवेचन किये बगैर पहने गए तो मृत्यु-तुल्य कष्ट तक दे सकते हैं 

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कुंडली के विस्तृत विश्लेषण के लिए संपर्क करें:
Vikas Bhardwaj
MBA - IT/Finance (MDI Gurgaon), M.Tech - Applied Mechanics (NIT Bhopal), B.E - Mechanical (REC Bhopal)
Past Experience - JPMorganChase & Co. / Capgemini / RRL / CresTech

Mob: +९१ ९८९९५७५६०६ / ९९२०३०३६०६
E-mail: vikas440@gmail.com

www.navgrhastro.com

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शनि (११) के परिणाम कुम्भ लग्न के अलग-अलग भावों में - Blog H83 - 16032018

शनि के परिणाम कुम्भ लग्न के अलग अलग भावों में




कुम्भ लग्न की कुंडली 



कुम्भ लग्न की कुंडली के प्रथम (पहले) भाव में शनि के परिणाम



कुम्भ लग्न की कुंडली के द्वितीय (दूसरे) भाव में शनि के परिणाम



कुम्भ लग्न की कुंडली के तृतीय (तीसरे) भाव में शनि के परिणाम



कुम्भ लग्न की कुंडली के चतुर्थ (चौथे) भाव में शनि के परिणाम



कुम्भ लग्न की कुंडली के पंचम (पांचवे) भाव में शनि के परिणाम



कुम्भ लग्न की कुंडली के षष्ठम (छठे) भाव में शनि के परिणाम




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कुम्भ लग्न की कुंडली के सप्तम (सातवें) भाव में शनि के परिणाम



कुम्भ लग्न की कुंडली के अष्ठम (आठवें) भाव में शनि के परिणाम



कुम्भ लग्न की कुंडली के नवम (नवं) भाव में शनि के परिणाम




कुम्भ लग्न की कुंडली के दशम (दसवें) भाव में शनि के परिणाम




कुम्भ लग्न की कुंडली के एकादश (ग्यारहवें) भाव में शनि के परिणाम





कुम्भ लग्न की कुंडली के द्वादश (बाहरवें) भाव में शनि के परिणाम




ध्यान दें: 
  • ग्रहों का कुंडली में सावधानी से अध्यान किये बगैर न तो कोई रत्न धारण करें और न ही कोई दान करें
  • ग्रहों के प्रभाव मुख्यत: दशा-अन्तर्दशा में ही दिखाई देते हैं
  • विभिन्न कारक जैसे विपरीत-राज-योग, नीच-भंग-राज-योग, कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दूसरे ग्रहों से संयोजन, ग्रहों का कोण/अस्त/वक्रीय होना ... ग्रहों द्वारा दिए जाने वाले परिणामों को प्रभावित करते है 
  • ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए किसी अछे ज्योतिषी से संपर्क करने के पश्चात् ही कोई उपाय करें
  • कई लोग आपको काल-सर्प, पित्र-दोष और मंगल-दोष आदि का डर दिखा कर अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं, ऐसे व्यक्तियों की बातों से बिलकुल नहीं घबराएं, उपाय सरल और आसान होते हैं जिन्हें आप बिना किसी की मदद के आसानी से स्वयं कर सकते हैं
  • रत्नों के चयन में कभी भी लापरवाही ना बरतें, मोती और पुखराज जैसे रत्न भी अगर कुंडली का उचित विवेचन किये बगैर पहने गए तो मृत्यु-तुल्य कष्ट तक दे सकते हैं 

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कुंडली के विस्तृत विश्लेषण के लिए संपर्क करें:
Vikas Bhardwaj
MBA - IT/Finance (MDI Gurgaon), M.Tech - Applied Mechanics (NIT Bhopal), B.E - Mechanical (REC Bhopal)
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