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चन्द्र (८) के परिणाम वृश्चिक लग्न के अलग-अलग भावों में - Blog H20 - 22022018

चन्द्र के परिणाम वृश्चिक लग्न के अलग-अलग भावों में




वृश्चिक लग्न की कुंडली 



वृश्चिक लग्न की कुंडली के प्रथम (पहले) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा कभी अच्छा फल नहीं देंगे, क्योंकि यहाँ वो नीच के हो जाते हैं
  • अपनी दशा-अन्तर्दशा में सदैव नीचता का फल दे कर स्वास्थ्य में दिक्कत-परेशानी देंगे 
  • जातक को तनाव्ग्रस्त रक्खेंगे
  • पिता से बनने वाली नहीं होगी
  • जातक धर्म को मानने वाला नहीं होगा
  • दिक्कत-परेशानी उसकी खड़ी ही रहेंगी
  • पार्टनरशिप/साझेदारी, दांपत्य सुख और रोजी रोजगार में भी चंद्रमा की दशा-अन्तर्दशा दिक्कत-परेशानी ही देती रहेगी

वृश्चिक लग्न की कुंडली के द्वितीय (दूसरे) भाव में चन्द्र के परिणाम

यहाँ चंद्रमा बहुत अच्छा फल देंगे
  • जातक की वाणी को बहुत अच्छा कर देंगे
  • धन का आभाव कभी नहीं रहने देंगे
  • परिवार से सदैव बनती होगी जातक की, परिवार उसके लिए सहायक स्तंभ बना रहेगा
  • जातक अपने जीवन की बाधाओं को अपने परिश्रम से कम कर के मानसिक शांति ले आने में समर्थ होगा जो उसके जीवन यापन को अच्छा करने में बाध्य हो जाएगी

वृश्चिक लग्न की कुंडली के तृतीय (तीसरे) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • यहाँ चंद्रमा देवता छोटे भाई-बहन का योग जरूर बना देगा
  • छोटी मोटी यात्राएं जातक की जरूर करवा देंगे
  • मेहनत का फल उनता जरूर दे देंगे जितनी जातक मेहनत करता है
  • जातक का पिता से लगाव होगा, वह पिता की देखभाल करने वाला उनका ध्यान रखने वाला होगा
  • छोटी-मोटी विदेश यात्रा भी होती रहेंगी
  • और जातक धर्म को भी द्रढ़ता से मानने वाला जरूर होगा

वृश्चिक लग्न की कुंडली के चतुर्थ (चौथे) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चन्द्र देव शनि देव की मूल त्रिकोण राशी में आकर दिशाबली हो जाते हैं
  • यहाँ चंद्रमा देवता माता गाडी भूमि वाहन मकान सारे सुख सुविधाएँ देंगे
  • जातक का माता से लगाव होगा,  उसकी माता से बनती होगी और वह माता का पूरी जिम्मेदारी से ध्यान रखने वाला होगा
  • यहाँ चद्रमा देवता काम-काज में भी लाभ देंगे
  • और काम-काज में नए रस्ते खोल कर जातक को काम काज आपार सम्भावना अपनी दशा-अन्तर्दशा में जरूर देंगे

वृश्चिक लग्न की कुंडली के पंचम (पांचवे) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • यहाँ चन्द्र देव पुत्री का योग जरूर बना देंगे
  • जातक को उदर (पेट) बहुत मजबूत होगा
  • जातक की स्मरण-शक्ती/याददाश्त बहुत अच्छी होगी
  • जातक धर्म को मानने वाला होगा
  • संतान के बाद भाग्योदय जरूर होगा, संतान फोने के बाद उसका काम अच्छा जरूर चल पड़ेगा क्योंकि भाग्य के स्वामी की सक्रियता यहाँ बढ़ जाएगी
  • बड़े भाई-बहन से बनती होगी
  • लाभ में कमी कभी नहीं आएगी
  • छोटी-मोटी स्वस्त्य सम्बन्धी समस्याएं चंद्रमा की दशा-अन्तर्दशा में चली जरूर जाएगी

वृश्चिक लग्न की कुंडली के षष्ठम (छठे) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा देवता पूरण जिंदगी कभी अच्छा फल नहीं देते
  • क्योंकि ये रोग ऋण शत्रु दुर्घटना मुकदमा कोर्ट-केस मानसिक-तनाव बढ़ा कर जातक के जीवन यापन की मुश्किलें बढ़ा देते हैं
  • फ़िज़ूल के व्यय भी जातक से संभाले ही नहीं जाएँगे
  • पिता के स्वास्थ्य तक में भी दिक्कत-परेशानियां शरू हो जाएंगी


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वृश्चिक लग्न की कुंडली के सप्तम (सातवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा उच्च के हो जाते हैं
  • जातक ने अपना भाग्य उठा कर पत्नी को दे दिया, विवाह के बाद भाग्योदय होने का योग बनता है और काम-काज की गाडी ट्रैक पर आ जाती है
  • चद्रमा यहाँ पार्टनरशिप/साझेदारी और दांपत्य सुख में भी लाभ देंगे
  • पत्नी भी बहुत खूबसूरत मिलेगी
  • रोजी-रोजगार के नए रस्ते भी चंद्रमा देवता जरूर खोल देंगे
  • एक सोम्य/मनमोहक व्यक्तित्व जातक का जरूर बना देंगे, जताक आकर्षक व्यक्तित्व को होगा जिससे हर कोई उससे दोस्ती करना उसके करीब आना जरूर चाहता हो

वृश्चिक लग्न की कुंडली के अष्ठम (आठवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चन्द्र देव कभी अच्छा फल नहीं देंगे
  • दशा-अन्तर्दशा में बिना कारण की बाधाएं, तनाव, फ़िज़ूल की मानसिक अशांति पूरण बाधाएं चंद्रमा यहाँ देंगे और जातक को मृत्यु-तुल्य कष्ट तक देंगे
  • धन का आभाव सदा रहने वाला है
  • परिवार पूरणता साथ कभी नहीं रहने वाला
  • और वाणी भी जातक ऐसी बोल देगा जो किसी को कभी नहीं बोलनी चाहिए क्योंकि उससे सामने वाले को परेशानी होती है

वृश्चिक लग्न की कुंडली के नवम (नवं) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा स्वः राशी के हो जाते हैं
  • जातक बहुत भाग्यवान होगा 
  • पिता से जातक के बहुत अच्छे सम्बन्ध होंगे
  • धर्म को जातक जरूर मानने वाला होगा
  • विदेश यात्रा भी जातक जरूर कर लेगा
  • छोटे-भाई बहन से दिक्कत परेशानी नहीं आएंगी
  • जातक जितनी यात्राएं करेगा उसका लाभ उसको जरूर मिलेगा
  • जातक अपनी मेहनत से लाभ अर्जित कर के एक सुखी जीवन यापन जरूर कर लेगा

वृश्चिक लग्न की कुंडली के दशम (दसवें) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • यहाँ चंद्रमा देवता अपनी दशा-अन्तर्दशा में काम-काज के नए रस्ते जरूर खोल देंगे
  • जातक माता से बहुत ज्यादा लगाव रक्खेगा, माता का बहुत ज्यादा ध्यान रखने वाला होगा
  • गाडी भूमि वाहन मकान सारी सुख-सुविधाएं जातक अगर अर्जित करना चाहे तो चंद्रमा की दशा-अन्तर्दशा में जरूर कर लेगा

वृश्चिक लग्न की कुंडली के एकादश (ग्यारहवें) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • यहाँ जातक को बड़े भाई-बहन से लाभ जरूर मिलेगा
  • जातक स्वयं भी लाभ अर्जित करता रहेगा
  • छोटी-मोटी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं अगर जातक को आएंगी तो चली जरूर जाएंगी
  • पुत्री का योग जरूर बना देंगे यहाँ
  • प्रेम-प्रसंग/लव-रोमांस में कामयाबी जरूर दे देंगे चन्द्र देव
  • यहाँ पर चंद्रमा देवता उदर/पेट सम्बन्धी समस्याएं जल्दी नहीं आने देंगे
  • जातक की स्मरण-शक्ति/याददाश्त तीक्ष्ण कर के चंद्रमा जातक को एक दृढ इच्छा शक्ति का जरूर बना देंगे

वृश्चिक लग्न की कुंडली के द्वादश (बाहरवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


दशा-अन्तर्दशा में चंद्रमा देवता यहाँ पूरणता नकारात्मक परिणाम दे कर के बाहरवें भाव को सक्रीय कर देंगे
  • फ़िज़ूल के व्यय बढ़ा देंगे जातक के
  • जेल यात्रा तक करवा सकते हैं चन्द्र देव
  • हस्पताल के खर्च भी बढ़ा देते हैं चन्द्र देव
  • छ्टे भाव सम्बन्धी भी चंद्रमा पूरणता नकारात्मक परिणाम देंगे
  • रोग ऋण कर्जा दुर्घटना मुकदमा/कोर्ट-केस सारी समस्याएं दे कर जातक के जीवन यापन की मुश्किलें और बढ़ा देंगे 
  • कई बार जातक आहिस्ता-आहिस्ता धर्म को मानना ही छोड़ देता है



ध्यान दें: 
  • ग्रहों का कुंडली में सावधानी से अध्यान किये बगैर न तो कोई रत्न धारण करें और न ही कोई दान करें
  • ग्रहों के प्रभाव मुख्यत: दशा-अन्तर्दशा में ही दिखाई देते हैं
  • विभिन्न कारक जैसे विपरीत-राज-योग, नीच-भंग-राज-योग, कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दूसरे ग्रहों से संयोजन, ग्रहों का कोण/अस्त/वक्रीय होना ... ग्रहों द्वारा दिए जाने वाले परिणामों को प्रभावित करते है 
  • ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए किसी अछे ज्योतिषी से संपर्क करने के पश्चात् ही कोई उपाय करें
  • कई लोग आपको काल-सर्प, पित्र-दोष और मंगल-दोष आदि का डर दिखा कर अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं, ऐसे व्यक्तियों की बातों से बिलकुल नहीं घबराएं, उपाय सरल और आसान होते हैं जिन्हें आप बिना किसी की मदद के आसानी से स्वयं कर सकते हैं
  • रत्नों के चयन में कभी भी लापरवाही ना बरतें, मोती और पुखराज जैसे रत्न भी अगर कुंडली का उचित विवेचन किये बगैर पहने गए तो मृत्यु-तुल्य कष्ट तक दे सकते हैं 

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Vikas Bhardwaj
MBA - IT/Finance (MDI Gurgaon), M.Tech - Applied Mechanics (NIT Bhopal), B.E - Mechanical (REC Bhopal)
Past Experience - JPMorganChase & Co. / Capgemini / RRL / CresTech

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