मंगल के परिणाम मिथुन लग्न के अलग अलग भावों में
मिथुन लग्न की कुंडली
मिथुन लग्न की कुंडली के प्रथम (पहले) भाव में मंगल के परिणाम:
- यहाँ विराजमान मंगल देव अपनी दशा-अन्तर्दशा में जातक का बंटाधार कर देंगे
- स्वास्थ्य समस्याएं दे देंगे
- जातक को मानसिक रूप से अशांत कर देंगे
- जातक की छाती में भी विकार पैदा कर देंगे
- जातक की माता से भी नहीं बनने वाली
- दांपत्य सुख में भी कलह-कलेश मचने वाला है
- जीवन में बिना कारण की बाधाएं भी जातक भुगतता ही रहेगा
मिथुन लग्न की कुंडली के द्वितीय (दूसरे) भाव में मंगल के परिणाम:
यहाँ मंगल देव नीच के हो जाते हैं
- धन कुटुंब वाणी सम्बन्धी सदैव समस्याएं होंगी
- संतान सम्बन्धी भी समस्याएं देंगे मंगल देव
- जातक के जीवन की बाधाएं भी बढ़ जाएंगी
- पिता से भी दिक्कत परेशानियां बनी रहेंगी
- जातक धर्म को भी नहीं मानेगा
- यहाँ तक की विदेश जाने में भी जातक परेशानियां ही झेलता रहेगा
मिथुन लग्न की कुंडली के तृतीय (तीसरे) भाव में मंगल के परिणाम:
ये मंगल देव का कारक भाव है
- यहाँ छोटे भाई बहनों से कलह कलेश मचेगी
- मानसिक शांति भंग कर देंगे मंगल देव
- प्रतियोगी परीक्षाओं में जातक को जरूर लाभ हो सकता है
- पर स्वास्थ्य के लिए मंगल देव कभी अच्छे नहीं माने जाएँगे
- पिता ले लिए और पिता से भी समस्याएं बनी रहेंगी
- काम-काज सम्बन्धी भी मंगल देवता समस्याएं ही देंगे
मिथुन लग्न की कुंडली के चतुर्थ (चौथे) भाव में मंगल के परिणाम:
- अपनी दशा-अन्तर्दशा में मंगल देव छाती सम्बन्धी रोग दे सकते हैं
- माता से मन मुटाव बना रहेगा
- गाडी भूमि वाहन लेना हुआ तो उसमें समस्याएं दे सकते हैं
- जातक की मानसिक शांति भंग कर देंगे
- यहाँ मंगल देव दांपत्य-सुख, रोजी-रोजगार और पार्टनरशिप/साझेदारी में भी समस्याएं देंगे
- काम-काज सम्बन्धी भी समस्याएं आएंगी
- थोडा बहुत लाभ कहीं न कहीं से मंगल देव जरूर अर्जित करवाते रहेंगे
- लेकिब बड़े भाई -बहनों से कभी नहीं बनने देंगे
- छोटी मोटी स्वास्थ्य समस्याएं भी लगी ही रहती है
मिथुन लग्न की कुंडली के पंचम (पांचवे) भाव में मंगल के परिणाम:
- यहाँ मंगल देव पुत्र प्राप्ति का योग जरूर बना देंगे
- लेकिन स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं दे देंगे, पेट सम्बन्धी दिक्कत परेशानियां होंगी, छोटी-मोटी बीमारियाँ जरूर आएंगी
- संतान देरी से होने का योग भी बना देंगे, कई जगह तो गर्भपात तक हो सकता है और उसके बाद संतान प्राप्ति होती है
- जातक के जीवन की बाधाओं में बढ़ोतरी होगी
- लाभ और बड़े भाई-बहन के सम्बंधित थोडा लाभ जरूर दे सकते हैं
- हस्पताल के खर्चे, फ़िज़ूल के व्यय दे कर भी मंगल देव दिक्कत-परेशानियां खडी करते ही रहेंगे
मिथुन लग्न की कुंडली के षष्ठम (छठे) भाव में मंगल के परिणाम:
यहाँ मंगल देव स्वः राशि के हो जाते हैं
- अगर बुद्ध बलि हुए तो मंगल देव विपरीत-राज-योग की स्थिति में आकर अच्छा फल देंगे
- लेकिन अगर बुद्ध बलि ना हुए तो मंगल देव इस लग्न कुंडली में सारी समस्याएँ ही देंगे
- छ्टे भाव सम्बन्धी सारे नकारात्मक परिणाम मिलेंगे, यानी रोग ऋण शत्रु दुर्घटना मुकदमा सम्बन्धी समस्याएं
- पिता सम्बन्धी दिक्कत परेशानियां
- धर्म को ना मानना
- विदेश से भी समस्याएं
- व्यर्थ के व्यय होते रहना
- और स्वास्थ्य सम्बन्धी भी सदैव समस्याएं ही देंगे मंगल देव
______________________________________________________________________________________________
मिथुन लग्न की कुंडली के सप्तम (सातवें) भाव में मंगल के परिणाम:
- यहाँ मंगल देव दांपत्य सख में कलह कलेश देंगे
- पार्टनरशिप/साझेदारी में समस्याएँ आएंगी
- रोजी-रोजगार भी बुरी तरह प्रभावित होगा
- काम-काज में बिना कारण की बाधाएं खडी रहेंगी
- स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ आएंगी
- दूसरे भाव सम्बन्धी भी पूर्णता समस्या ही देंगे मंगल देव
- वाणी बिना कारण के उग्र कर देंगे और जातक बोलने के पहले कभी सोचेगा ही नहीं
- धन का आभाव उसका सदा बना रहेगा
- और परिवार पूर्णता उसका साथ कभी नहीं देने वाला
मिथुन लग्न की कुंडली के अष्ठम (आठवें) भाव में मंगल के परिणाम:
यहाँ मंगल देव उच्च के हो जाते हैं
- अगर बुद्ध बलि हुए तो मंगल देव विपरीत-राज-योग की स्थिति में आकर बहुत अच्छा फल देंगे
- लेकिन अगर बुद्ध बलि ना हुए तो मंगल देव इस लग्न कुंडली में सारी समस्याएँ ही देंगे
- रोग, ऋण, शत्रु, दुर्घटना, बिना कारण की बाधाएं, तनाव, छोटी-छोटी बातों पर व्यर्थ की बहसबाजी और आपा खो जाना ... ऐसी स्थिती यहाँ मंगल देव जातक के लिए उत्पन्न कर देंगे
- जरूरत से ज्यादा परिश्रम, भाग-दौड़ करने के बाद भी जातक को उचित परिणाम नहीं मिलता
- लाभ सम्बन्धी भी समस्याएं आएंगी
- भाई-बहनों सी भी दिक्कत-परेशानी बनी रहेगी
- छोटी-मोटी बीमारियों का योग बनता है
- धन कुटुंब वाणी सम्बन्धी समस्याएं
- और फ़िज़ूल की यात्राएं भी मंगल देव करवाते ही रहेंगे
मिथुन लग्न की कुंडली के नवम (नवं) भाव में मंगल के परिणाम:
यहाँ मंगल देव अपनी दशा-अन्तर्दशा में सदैव समस्याएं ही लगाये रखते हैं
- पिता को सदैव स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं आती है
- धर्म को जातक मानने वाला नहीं होता
- विदेश जाने में भी बहुत सारी दिक्कत-परेशानियां लगाये रखते हैं मंगल देव
- जातक के व्यर्थ के व्यय होते ही रहते हैं
- छोटे भाई-बहनों पर समस्याएं आती ही रहती हैं
- माता सम्बन्ध दिक्कत-परेशानी भी आती हैं, जातक की माता से कभी बनती ही नहीं है, माता जितना मर्जी जातक के लिए कर ले जातक सदैव उसे ताने मरता ही मिलेगा की मेरी माँ ने मेरे लिए कभी कुछ नहीं किया
- गाड़ी भूमि वाहन मकान सम्बन्धी भी नकारात्मक परिणाम ही मिलते हैं
- अच्छी भली नौकरी मकान गाडी भूमि वाहन होते हुए भी जातक उसका सुख कभी नही भोग पता, वो सदैव मानसिक तनाव में ही रहता है
- जातक को छाती सम्बन्धी समस्याएं आने का भी रस्ता बनता है, छाती में भी कोई ना कोई समस्याएँ जरूर आती है
मिथुन लग्न की कुंडली के दशम (दसवें) भाव में मंगल के परिणाम:
यहाँ मंगल देव दिशाबली हो जाते हैं
- जातक को काम-काज में बाधाएं देंगे
- स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं देंगे
- माता गाडी भूमि वाहन से दिक्कत-परेशानियां आएंगी
- थोड़ी बहुत संतान सम्बन्धी समस्याएं देंगे
- जातक की पेट सम्बन्धी दिक्कत-परेशानियां भी मंगल देव बढ़ा देंगे
- जातक मानसिक रूप से काफी सोच विचार करने वाला होता है
मिथुन लग्न की कुंडली के एकादश (ग्यारहवें) भाव में मंगल के परिणाम:
यहाँ मंगल देव अपनी ही मूल-त्रिकोण राशि में आगये
- दशा-अन्तर्दशा में जातक लाभ जरूर थोडा बहुत अर्जित करेगा
- बड़े भाई बहन का सहयोग भी मिलेगा
- लेकिन छोटी मोटी स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक्कत-परेशानियाँ भी मंगल देव जरूर देंगे
- यहाँ मंगल देव धन कुटुंब वाणी सम्बन्धी भी परेशानियाँ देंगे
- वाणी जातक की अनायास ही उग्र कर देंगे ... ये तनाव जरूर होगा
- पुत्र प्राप्ति का योग जरूर बनेगा
- उदर सम्बन्धी समस्याएं होंगी
- आकस्मिक लाभ जल्दी नहीं होने देंगे ... उसके लिए जातक को खपना जरूर पड़ेगा ... ये दिक्कत-परेशानियाँ जरूर होंगी
- प्रतियोगी परीक्षाओं में कामयाबी जरूर दिलवा सकते हैं मंगल देव
- लेकिन आर्थिक स्थिरता कम कर के जातक की दिक्कत-परेशानियाँ ज्यादा बढ़ा देंगे
- मंगाक की दशा-अन्तर्दशा में कोर्ट-केस, मुकदमा, दुर्घटना होने पर जातक के हक में फैसला होने का योग बनेगा
मिथुन लग्न की कुंडली के द्वादश (बाहरवें) भाव में मंगल के परिणाम:
- अगर बुद्ध बलि हुए तो मंगल देव विपरीत-राज-योग की स्थिति में आकर बहुत अच्छा फल देंगे
- लेकिन अगर बुद्ध बलि ना हुए तो मंगल देव अपनी दशा अन्तर्दशा में जातक का सत्य नाश कर देंगे
- फ़िज़ूल के व्यय बढ़ा देंगे
- छोटे भाई-बहनों से कलेश होगा
- छोटी यात्राएं और फ़िज़ूल की मेहनत होती रहेगी
- रोग ऋण शत्रु दुर्घटना मुकदमा सम्बन्धी भी समस्याएं आएंगी
- दांपत्य सुख में कलह-कलेश मचवा देंगे
- साझेदारी/पार्टनरशिप में दिक्कत-परेशानियाँ खड़ी कर देंगे
- रोजी-रोजगार बुरी तरह प्रभावित करेंगे और जातक का चलता चलता काम एक दम से बंद होने की कगार पर आजाएगा
ध्यान दें:
- ग्रहों का कुंडली में सावधानी से अध्यान किये बगैर न तो कोई रत्न धारण करें और न ही कोई दान करें
- ग्रहों के प्रभाव मुख्यत: दशा-अन्तर्दशा में ही दिखाई देते हैं
- विभिन्न कारक जैसे विपरीत-राज-योग, नीच-भंग-राज-योग, कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दूसरे ग्रहों से संयोजन, ग्रहों का कोण/अस्त/वक्रीय होना ... ग्रहों द्वारा दिए जाने वाले परिणामों को प्रभावित करते है
- ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए किसी अछे ज्योतिषी से संपर्क करने के पश्चात् ही कोई उपाय करें
- कई लोग आपको काल-सर्प, पित्र-दोष और मंगल-दोष आदि का डर दिखा कर अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं, ऐसे व्यक्तियों की बातों से बिलकुल नहीं घबराएं, उपाय सरल और आसान होते हैं जिन्हें आप बिना किसी की मदद के आसानी से स्वयं कर सकते हैं
- रत्नों के चयन में कभी भी लापरवाही ना बरतें, मोती और पुखराज जैसे रत्न भी अगर कुंडली का उचित विवेचन किये बगैर पहने गए तो मृत्यु-तुल्य कष्ट तक दे सकते हैं
______________________________________________________________________________________________
कुंडली के विस्तृत विश्लेषण के लिए संपर्क करें:
Vikas Bhardwaj
MBA - IT/Finance (MDI Gurgaon), M.Tech - Applied Mechanics (NIT Bhopal), B.E - Mechanical (REC Bhopal)
Past Experience - JPMorganChase & Co. / Capgemini / RRL / CresTech
Past Experience - JPMorganChase & Co. / Capgemini / RRL / CresTech
Mob: +९१ ९८९९५७५६०६ / ९९२०३०३६०६
www.navgrhastro.com
पेमेंट करने की प्रक्रिय जानने के लिए नीचे क्लिक करें:
www.navgrhastro.com/contact.html