चन्द्र के परिणाम मकर लग्न के अलग-अलग भावों में
मकर लग्न की कुंडली
मकर लग्न की कुंडली के प्रथम (पहले) भाव में चन्द्र के परिणाम:
- यहाँ चन्द्र देव जातक के व्यक्तित्व के लिए अच्छे हो कर उसे थोडा आकर्षक जरूर करेंगे
- लेकिन यहाँ चन्द्र देव जातक को दिमाग से भ्रमित और उलझी हुई परवर्ती का जरूर करेंगे, जातक हमेशा दूसरों की बातों में जल्दी आने वाला होगा
- चन्द्र यहाँ जातक की निर्णय क्षमता में कमी ला देंगे
- परन्तु सप्तम भाव पर दृष्टि दाल कर दांपत्य-सुख, पार्टनरशिप/साझेदारी और रोजी-रोजगार के लिए अच्छे हो गए क्योंकि ये भाव चंद्रमा का स्वयं का घर है
मकर लग्न की कुंडली के द्वितीय (दूसरे) भाव में चन्द्र के परिणाम:
- यहाँ जातक को धन के सम्बंधित सदा समस्याएं बनी रहेंगी
- परिवार जातक का साथ देने वाला नहीं होगा और वो जातक के लिए दिक्कत परेशानी का कारण जरूर बनेगा
- जातक की वाणी अनायास ही कुछ भी बोल कर के उसमें परेशानियां खडी करता ही रहेगा चन्द्र देव
- अष्टम भाव के सम्बंधित भी पूर्णता नकारात्मक परिणाम देकर चन्द्र देव जातक की बाधाएं बढ़ा कर, मानसिक तनाव देकर सारी दिक्कत-परेशानियों में डाल कर अनायास ही जातक के जीवन यापन की मुश्किलें बढ़ाते रहेंगे
मकर लग्न की कुंडली के तृतीय (तीसरे) भाव में चन्द्र के परिणाम:
- यहाँ चन्द्र देव छोटे भाई-बहन का योग जरूर बना देंगे
- जातक फ़िज़ूल की यात्राएं जरूर करेगा
- मानसिक अशांति बनाये रक्खेंगे
- अनायास ही कहीं न कहीं छोटे भाई-बहन से कलह-कलेश जरूर मचा के रक्खेंगे चन्द्र देव
- चन्द्र देव यहाँ पिता से परेशानी देगे ... उनसे कभी बनने नहीं देंगे
- जातक धर्म को मानने वाला नहीं होगा
- परन्तु यहाँ जातक छोटी-मोटी विदेश यात्रा कर के अपने जीवन यापन को अच्छा करने की कोशिश जरूर करता रहेगा
मकर लग्न की कुंडली के चतुर्थ (चौथे) भाव में चन्द्र के परिणाम:
- यहाँ चन्द्र देव माता के लिए परेशानी बाधा देंगे
- भूमि गाडी वाहन लेने में भी दिक्कत-परेशानियां होंगी
- जातक को मानसिक अशांति सदा बनी रहेगी
- चंद्रमा यहाँ काम-काज सम्बन्धी भी समस्याएं देंगे और अपनी दशा-अन्तर्दशा में जातक के काम-काज को ठीक ढंग से व्यवस्थित कभी होने ही नहीं देंगे
मकर लग्न की कुंडली के पंचम (पांचवे) भाव में चन्द्र के परिणाम:
यहाँ चंद्रमा उच्च के हो जाते हैं
- पुत्री का योग जरूर बना देंगे
- जातक की स्मरण शक्ति को तीक्षण जरूर कर देंगे
- प्रेम-प्रसंग/लव-रोमांस का योग जरूर बना देंगे
- पेट में छोटी-मोटी समस्याएं देंगे
- आकस्मिक हानि का योग भी बनेगा
- बड़े भाई-बहनों से भी दिक्कत परेशानियां होंगी
- लाभ में भी समस्याएं आएंगी
- और दशा-अन्तर्दशा में छोटी-मोटी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं भी लगाये ही रक्खेंगे चन्द्र देव
मकर लग्न की कुंडली के षष्ठम (छठे) भाव में चन्द्र के परिणाम:
- यहाँ जातक का विवाह सुख कभी भी स्थिर नहीं होगा
- अपनी दशा-अन्तर्दशा में रोग ऋण कर्जा दुर्घटना मुकदमा/कोर्ट-केस/लिटिगेशन सम्बन्धी सारी समस्याएं चंद्रमा देवता यहाँ देंगे
- फ़िज़ूल का व्यय जातक के बढ़ाते ही रहेंगे
- हस्पताल के खर्चे में भी दिक्कत-परेशानी आएंगी और वो भी बढ़ेंगे
- अगर शनिदेव यहाँ बलि न हुए तो चंद्र देव की बाहरवें भाव पर दृष्टि जातक को जेल यात्रा तक भी करवा सकती हैं
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मकर लग्न की कुंडली के सप्तम (सातवें) भाव में चन्द्र के परिणाम:
यहाँ चंद्रमा स्वः राशी के हो गए
- जातक को जीवनसाथी बहुत खूबसूरत मिलेगा
- साझेदारी/पार्टनरशिप और रोजी-रोजगार के लिए बहुत अच्छा हो गया
- जातक का व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक/मनमोहक और शांत-चित्त वाले समझदार प्राणी की तरह दिखने वाला चंद्रमा देवता यहाँ विकसित जरूर कर देंगे
मकर लग्न की कुंडली के अष्ठम (आठवें) भाव में चन्द्र के परिणाम:
- यहाँ चन्द्र देव दांपत्य सुख/साझेदारी-पार्टनरशिप/रोजी-रोजगार में समस्या देंगे
- बिना कारण हर बात की बाधाएं बढ़ा देंगे
- जातक को धन और मानसिक शांति सम्बन्धी दिक्कत-परेशानियां होंगी
- वाणी में भी दिक्कत परेशानी आएंगी, जातक ऐसी वाणी बोल जाएगा जो दूसरा बंदा सुनना पसंद नहीं करता
मकर लग्न की कुंडली के नवम (नवं) भाव में चन्द्र के परिणाम:
- यहाँ जातक का पिता से सदा मन-मुटाव रहने वाला हैं
- जातक मानसिक रूप से जल्दी ही अशांत हो जाता है
- धर्म को जातक जल्दी मानने वाला नहीं होता
- जातक विदेश यात्रा भी करता है
- छोटे भाई-बहन से दिक्कत परेशानियां बनी रहती हैं
- जातक की फ़िज़ूल की मेहनत बढ़ी ही रहेंगी
- और जितना परिश्रम जातक करेगा उतना उसको परिणाम/फल कभी नहीं मिलने वाला, यहाँ तक की इतनी मेहनत करने के बाद वो तिरस्कृत होने की सम्भावना भी चंद्र देव बना देते हैं
मकर लग्न की कुंडली के दशम (दसवें) भाव में चन्द्र के परिणाम:
यहाँ चन्द्र देव शुक्र की मूल त्रिकोण राशी में आगये
- अपनी दशा-अन्तर्दशा में चंद्रमा काम-काज में बाधाएं जरूर देंगे, जातक का मन काम-काज में जल्दी नहीं लगने वाला
- जातक की मानसिक शांति जल्दी भंग कर देंगे
- माता से मन मुटाव रहने वाला है
- जातक को गाडी भूमि वाहन सम्बन्धी दिक्कत-परेशानियां होंगी, माकन/गाडी लेने में विलम्ब हो सकता है
- चोथे भाव सम्बन्धी सारी की सारी दिक्कत-परेशानियां चंद्रमा जातक को देंगे
- यहाँ चंद्रमा जातक की मानसिक शांति पूर्ण रूप से भंग कर के उसकी दिक्कतओं में और बढ़ोतरी कर देंगे
- जातक को सुझाव दिया जाता है की अपने काम-काज को स्थापित करने के लिए कोई न कोई पार्टनरशिप/साझेदारी अगर जातक कर ले या अपनी पत्नी को पार्टनर बना ले तो काम-काज अच्छा चल पड़ता है, इससे जातक का काम-काज और ज्यादा अच्छा हो पाएगा और परिणाम भी अच्छे मिलेंगे
मकर लग्न की कुंडली के एकादश (ग्यारहवें) भाव में चन्द्र के परिणाम:
यहाँ चंद्रमा नीच के हो जाते हैं
- जातक को दांपत्य सुख/पार्टनरशिप/रोजी-रोजगार में दिक्कत-परेशानियां देंगे
- बड़े भाई-बहन से समस्याएं होंगी
- लाभ में कमी आएगी जातक को
- और छोटी मोटी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं भी लगाये ही रक्खेंगे चन्द्र देव
- संतान और पेट सम्बन्धी समस्याएं हो सकती हैं
- आकस्मिक हानि होने का योग बनता है
- जताक को प्रेम-प्रसंगों में असफलता मिलती है
- कुल मिला कर पंचम भाव सम्बंधित भी पुरणता नकारात्मक परिणाम चन्द्र देव अपनी दशा-अन्तर्दशा में जातक को देंगे
मकर लग्न की कुंडली के द्वादश (बाहरवें) भाव में चन्द्र के परिणाम:
- यहाँ चंद्रमा जातक का विवाहिक जीवन कभी स्थिर नहीं होने देंगे
- फ़िज़ूल के व्यय बढ़ाते ही रहेंगे, जातक के फ़िज़ूल के खर्च इतने चंद्रमा देवता करवाएँगे की जातक से संभाले नहीं जाएँगे
- हस्पताल के खर्चे होते रहेंगे
- जातक का जीवन यापन साझेदारी/पार्टनरशिप करने पर मुश्किलों में आ सकता हैं
- उसको रोजी-रोजगार में भी काफी समस्याएं आएंगी
- रोग ऋण कर्जा दुर्घटना मुकदमा/कोर्ट-केस/लिटिगेशन सारी समस्याएं चंद्रमा देंगे
- जातक को मृत्यु तुल्य कष्ट तक होगा और जातक बिना कारण के अनायास ही खपता रह जाता है और उसे पुरणता सकारात्मक परिणाम कभी मिल ही नहीं पाते
ध्यान दें:
- ग्रहों का कुंडली में सावधानी से अध्यान किये बगैर न तो कोई रत्न धारण करें और न ही कोई दान करें
- ग्रहों के प्रभाव मुख्यत: दशा-अन्तर्दशा में ही दिखाई देते हैं
- विभिन्न कारक जैसे विपरीत-राज-योग, नीच-भंग-राज-योग, कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दूसरे ग्रहों से संयोजन, ग्रहों का कोण/अस्त/वक्रीय होना ... ग्रहों द्वारा दिए जाने वाले परिणामों को प्रभावित करते है
- ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए किसी अछे ज्योतिषी से संपर्क करने के पश्चात् ही कोई उपाय करें
- कई लोग आपको काल-सर्प, पित्र-दोष और मंगल-दोष आदि का डर दिखा कर अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं, ऐसे व्यक्तियों की बातों से बिलकुल नहीं घबराएं, उपाय सरल और आसान होते हैं जिन्हें आप बिना किसी की मदद के आसानी से स्वयं कर सकते हैं
- रत्नों के चयन में कभी भी लापरवाही ना बरतें, मोती और पुखराज जैसे रत्न भी अगर कुंडली का उचित विवेचन किये बगैर पहने गए तो मृत्यु-तुल्य कष्ट तक दे सकते हैं
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Vikas Bhardwaj
MBA - IT/Finance (MDI Gurgaon), M.Tech - Applied Mechanics (NIT Bhopal), B.E - Mechanical (REC Bhopal)
Past Experience - JPMorganChase & Co. / Capgemini / RRL / CresTech
Past Experience - JPMorganChase & Co. / Capgemini / RRL / CresTech
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