Advertisement_01_Responsive

चन्द्र (४) के परिणाम कर्क लग्न के अलग-अलग भावों में - Blog H16 - 11022018

चन्द्र के परिणाम कर्क लग्न के अलग अलग भावों में




कर्क लग्न की कुंडली 



कर्क लग्न की कुंडली के प्रथम (पहले) भाव में चन्द्र के परिणाम


चंद्रमा यहाँ कुंडली के लिए बहुत अछे हो गए और यहाँ ये बहुत अछे माने जाते है
  • जातक हर समस्या/परेशानी से निकलने का योग ले कर आता है, जातक की हर समस्या/परेशानी टलती है जितनी मर्जी बड़ी समस्या होगी वो जल्दी ही निकल जाएगी
  • जातक का आकर्षक/मनमोहक व्यक्तित्व होता है
  • जातक का दांपत्य-सुख पूरणता अच्छा होता है
  • व्यापार में साझेदारी भी अच्छी होती है
  • जातक शारीरिक रूप से थोडा भारी शरीर का होगा जो अच्छा मन जाता है

कर्क लग्न की कुंडली के द्वितीय (दूसरे) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • यहाँ जातक की वाणी बहुत मीठी होगी
  • जातक बड़े शिष्टाचार से बात करेगा मीठा बोलेगा शांत परवर्ती का होगा, लेकिन जरूरत के अनुसार उग्र भी बोलने की क्षमता रक्खेगा 
  • यहाँ जातक को धन की कमी कभी नहीं आती
  • जातक परिवार से सदा जुड़ा रहता है

कर्क लग्न की कुंडली के तृतीय (तीसरे) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • चंद्रमा यहाँ जातक की मेहनत सामान्य से ज्यादा कर देंगे, यानी इंसान की मेहनत की बढ़ोतरी होगी
  • जातक का ध्यान छोटे भाई-बहनों पर ज्यादा होगा
  • जातक हमेशा छोटी यात्राएं कर के ही कुछ ना कुछ अर्जित कर पाएगा
  • उसकी दृष्टि अपने पिता पर पड़ना पिता के लिए बहुत अच्छा नहीं होगा क्योंकि गलत भाव में बैठ कर दृष्टि डाल रहा है
  • चंद्रमा यहाँ शुभ नहीं बल्कि अशुभ माने जाते है

कर्क लग्न की कुंडली के चतुर्थ (चौथे) भाव में चन्द्र के परिणाम


चंद्रमा यहाँ अछे माने जाते हैं और दिशाबली हो जाते हैं
  • गाडी-वाहन, सुख-सुविधाएं, प्रॉपर्टी, माता से अछे सम्बन्ध वो यहाँ सारी चीज़ें देंगे
  • जातक को हर चीज़ से संपन्न कर देंगे
  • अपनी दशा अन्तर्दशा में काम-काज पर अच्छा असर डालेंगे, काम-काज की वृद्धि होगी बढ़ोतरी होगी तरक्की उन्नति मिलेगी जताक को

कर्क लग्न की कुंडली के पंचम (पांचवे) भाव में चन्द्र के परिणाम


चंद्रमा यहाँ कभी अच्छा फल नहीं देंगे, कभी सकारात्मक परिणाम नहीं देंगे, क्योंकि यहाँ वो नीच के हो जाते हैं
जातक 
  • जातक का मन हमेशा डांवाडोल स्थिति में रहेगा
  • पेट सम्बन्धी समस्याएं लगी रहेंगी
  • औलाद से दिक्कत परेशानियां बनी रहेंगी
  • जातक का मन कभी स्थिर नहीं होगा
  • जातक का आत्मविश्वास डगमगाया रहेगा और जातक अस्थिर चित्त का होगा

कर्क लग्न की कुंडली के षष्ठम (छठे) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चन्द्र देव कभी अच्छा फल नहीं देंगे
  • केवल प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए अछे माने जाते हैं
  • लेकिन अपनी दशा-अन्तर्दशा में रोग ऋण शत्रु दुर्घटना मुकदमा कोर्ट-केस देंगे
  • फ़िज़ूल का व्यय जातक का लगा ही रहेगा, पैसा आएगा बाद में लेकिन जाने को पहले तयार खड़ा रहता है
  • यहाँ चंदमा अति मारक ग्रह हो गए

______________________________________________________________________________________________

______________________________________________________________________________________________


कर्क लग्न की कुंडली के सप्तम (सातवें) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • यहाँ चंद्रमा बहुत अच्छा फल देंगे और जातक के व्यक्तित्व में अच्छा योग लेकर आते हैं
  • जीवनसाथी बहुत अच्छा मिलता है
  • जातक बहुत मनमोहक व्यक्तित्व वाला होगा, बार-बार उससे बात करने को दिल चाहेगा 
  • साझेदारी में काम करने से उसकी बहुत बनेगी, साझेदारी/पार्टनरशिप बहुत सफलता पूर्वक निभा पाएगा जातक
  • रोजी-रोजगार में कोई न कोई कार्य उसे मिलता रहेगा और रोजी-रोजगार उसका सदैव चलने वाला है

कर्क लग्न की कुंडली के अष्ठम (आठवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा देवता कभी अछे फल नहीं देने वाले 
  • अपनी दशा अन्तर्दशा में सदैव स्वाथ्य सम्बन्धी समस्याएं, मानसिक तनाव, आर्थिक समस्याएं/दिक्कतें 
  • एवं हर तरह से समस्याओं को बढ़ावा देना ये चद्रमा देवता इस घर में सदैव करने वाले हैं

कर्क लग्न की कुंडली के नवम (नवं) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा देवता बहुत अछे हो जाते हैं
  • जातक भाग्यवान माना जाता है
  • जातक की पिता से बहुत बनती होगी
  • जातक धर्म को मानने वाला होगा
  • अपने भाई बहनों की भी देखभाल करने वाला होगा
  • जातक अनुसंधान में अच्छा मकाम हासिल कर सकता है
  • विदेश यात्रा भी कर सकता है
  • जातक हर काम अपने भाग्य के आसरे बनाता नजर आएगा

कर्क लग्न की कुंडली के दशम (दसवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चन्द्र देव अच्छे तो माने जाते हैं पर साथ ही बलहीन भी हो गए क्योंकि जल ग्रह हो कर अग्नि राशी में आगये 

  • इसलिए चंद्रमा को बल देना यहाँ अत्यंत आवश्यक हो जाता है
  • चंद्रमा को सक्रीय कर के ही यहाँ चंद्रमा सही ढंग से सकारात्मक परिणाम दे पाएँगे


कर्क लग्न की कुंडली के एकादश (ग्यारहवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा कुंडली में सब से अछे माने जाते हैं, क्योंकि यहाँ ये इच्छापूर्ति के घर में विराजमान हैं और ऊपर से  चंद्रमा यहाँ उच्च के हो गए, इसलिए चंद्रमा देवता इस लगन कुंडली में सदैव अच्छा फल देंगे
  • उच्च का होने और दृष्टि अनिश्चित लाभ पर होने से चंद्रमा यहाँ अच्छा देने क लिए बाध्य हो गए
  • इंसान जो मांगेगा उसका मिलेगा
  • अगर उसकी दशा-अन्तर्दशा चल पड़ी और उसमें जरा से बला-बल हुआ तो वो इंसान को करोड़पति बना देगा
  • यहाँ चंद्रमा छोटी-मोटी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं भी ले कर आएगा क्योंकि वो छठे से छटा भी है

कर्क लग्न की कुंडली के द्वादश (बाहरवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


  • यहाँ चंद्रमा के स्थापित होने से जातक विदेश जा कर बस तो जरूर जाता है लेकिन साड़ी जिंदगी अपने खर्चे पूरे नहीं कर पाता... अपने खर्चों से पार नहीं पा पता क्योंकि ये व्यय का घर है और चंद्रमा यहाँ कारक नहीं रहा
  • अस्पताल के खर्चे सक्रीय हो जाते हैं
  • जातक को मानसिक समस्याएं हो जाती हैं
  • स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं आती हैं
  • जातक का मन किसी भी कार्य में लगने वाला ही नहीं है, कहीं टिकता ही नहीं है क्योंकि चंद्रमा मन का कारक है और बुरी अवस्था में है
  • चंद्रमा का दोष पूर्ण स्थापित होना अपने आप में कुंडली के लिए बहुत नुकसानदेह होता है
  • जातक मन से कभी स्थिर नहीं होता
  • चंद्रमा यहाँ इंसान को मानसिक तनाव/अवसाद में जल्दी ले आता है





ध्यान दें: 
  • ग्रहों का कुंडली में सावधानी से अध्यान किये बगैर न तो कोई रत्न धारण करें और न ही कोई दान करें
  • ग्रहों के प्रभाव मुख्यत: दशा-अन्तर्दशा में ही दिखाई देते हैं
  • विभिन्न कारक जैसे विपरीत-राज-योग, नीच-भंग-राज-योग, कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दूसरे ग्रहों से संयोजन, ग्रहों का कोण/अस्त/वक्रीय होना ... ग्रहों द्वारा दिए जाने वाले परिणामों को प्रभावित करते है 
  • ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए किसी अछे ज्योतिषी से संपर्क करने के पश्चात् ही कोई उपाय करें
  • कई लोग आपको काल-सर्प, पित्र-दोष और मंगल-दोष आदि का डर दिखा कर अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं, ऐसे व्यक्तियों की बातों से बिलकुल नहीं घबराएं, उपाय सरल और आसान होते हैं जिन्हें आप बिना किसी की मदद के आसानी से स्वयं कर सकते हैं
  • रत्नों के चयन में कभी भी लापरवाही ना बरतें, मोती और पुखराज जैसे रत्न भी अगर कुंडली का उचित विवेचन किये बगैर पहने गए तो मृत्यु-तुल्य कष्ट तक दे सकते हैं 

______________________________________________________________________________________________

______________________________________________________________________________________________



कुंडली के विस्तृत विश्लेषण के लिए संपर्क करें:
Vikas Bhardwaj
MBA - IT/Finance (MDI Gurgaon), M.Tech - Applied Mechanics (NIT Bhopal), B.E - Mechanical (REC Bhopal)
Past Experience - JPMorganChase & Co. / Capgemini / RRL / CresTech

Mob: +९१ ९८९९५७५६०६ / ९९२०३०३६०६
E-mail: vikas440@gmail.com

www.navgrhastro.com

पेमेंट करने की प्रक्रिय जानने के लिए नीचे क्लिक करें:

www.navgrhastro.com/contact.html