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चन्द्र (२) के परिणाम वृषभ लग्न के अलग-अलग भावों में - Blog H14 - 11022018

चन्द्र के परिणाम वृषभ लग्न के अलग अलग भावों में




वृषभ लग्न की कुंडली 



वृषभ लग्न की कुंडली के प्रथम (पहले) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा उच्च के हो गए हैं और जातक को सदा लाभान्वित करते है
  • जातक को मेहनती बना देते है
  • जातक के व्यक्तित्व में चंद्रमा एक बहुत अच्छी आभा ले आते है, जातक दिखने में बहुत आर्कशक दिखता है और उसका व्यक्तित्व सामान्य से ज्यादा सौम्य हो जाता है यानी शान्तमय और अच्छा हो जाता है, ये लाभ यहाँ जातक को सदैव मिलता है
  • अपनी दशा-अन्तर्दशा में चंद्रमा देवता पत्नी से सम्बन्ध अच्छा करते हैं
  • पार्टनरशिप-साझेदारी में अच्छा करता है
  • और रोजी-रोजगार के भी नए रस्ते जरूर खोलता है

वृषभ लग्न की कुंडली के द्वितीय (दूसरे) भाव में चन्द्र के परिणाम


ये चंद्रमा की अति शत्रु राशी है
  • लेकिन जातक की वाणी बहुत मीठी होती है
  • जातक अपने परिवार के लिए मेहनत करने वाला होता है
  • जातक अपनी मेहनत से धन अर्जित करता है
  • और मेहनत से मुश्किलों को भाग-दौड़ कर कर दूर भी कर लेता है

वृषभ लग्न की कुंडली के तृतीय (तीसरे) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • यहाँ जातक छोटी बहन का योग जरूर बनवाता है
  • मेहनती होता है
  • छोटी यात्राएं जरूर करता है
  • जातक को मेहनत के बाद ही जीवन में सही फल मिल पता है

वृषभ लग्न की कुंडली के चतुर्थ (चौथे) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • यहाँ जातक को चंद्रमा देवता ये लाभ देते हैं की जातक की माता को मेहनत जरूरत से ज्यादा करनी पड़ती है
  • अपनी दशा-अन्तर्दशा में गाडी, भूमि, वाहन सम्बन्धी जो भी समस्याएं आती हैं वो भाग दौड़ मेहनत करने के बाद ही उनका समाधान होता है, यहाँ चंद्रमा देवता विलम्ब जरूर करते हैं
  • काम काज भी बहुत ज्यादा खपने के बाद ही जातक स्थापित हो पता है, इस तरह की दिक्कत-परेशानियां वो यहाँ अवश्य देते है

वृषभ लग्न की कुंडली के पंचम (पांचवे) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • चंद्रमा की दशा-अन्तर्दशा जातक की कुंडली में पुत्री का योग जरूर लेकर आती है
  • इंसान को बुद्धि से मेहनत जरूर करवाती है
  • जातक का प्रेम-प्रसंग बहुत अच्छा होता है
  • धन का आगमन भी मेहनत करने के बाद ही होता है
  • जातक को पेट में जल सम्बन्धी समस्याएं आती है

वृषभ लग्न की कुंडली के षष्ठम (छठे) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • यहाँ चंद्रमा कभी अपनी पूरी जिंदगी में अच्छा फल नहीं देते
  • छोटे भाई-बहनों से बनने नहीं देते
  • फ़िज़ूल की यात्राएं, फ़िज़ूल के झगडे झमेले, फ़िज़ूल की मेहनत इंसान की चलती ही रहती है और वो कभी उचित परिणाम नहीं देती
  • फ़िज़ूल का व्यय चंद्रमा की दशा-अन्तर्दशा में होता ही रहता है, चंद्रमा देवता उसको कभी पूर्ण रूप से स्थापित होने ही नहीं देते
  • जातक की जितनी मर्जी आय हो, च्नाद्र्मा व्यय पर दृष्टि दाल कर कहीं न कहीं फ़िज़ूल का नुक्सान करवाते ही रहते हैं

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वृषभ लग्न की कुंडली के सप्तम (सातवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा देवता बहुत बुरा फल देते हैं, क्योंकि यहाँ ये नीच के हो जाते हैं और ये सदा अशुभ मन जाता है
  • पत्नी से भी कलह-कलेश, पार्टनरशिप-साझेदारी में भी कलह-कलेश और रोजी-रोजगार को भी बुरी तरह प्रभावित करते हैं अपनी दशा-अन्तर्दशा में चंद्रमा देवता
  • जातक के अछे भले चलते काम में ये रूकावट खडी कर देते हैं और काम पूरी तरह से दिक्कत-परेशानियों में आ जाता है, इस तरह की समस्याएं सदैव चंद्रमा देवता यहाँ देते हैं

वृषभ लग्न की कुंडली के अष्ठम (आठवें) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • यहाँ चन्द्र देव छोटे भाई-बहनों से कभी बनने नहीं देते
  • छोटी यात्राओं का कभी उचित परिणाम नहीं मिलता 
  • मेहनत का पूरण फल इंसान को कभी मिलता ही नहीं है
  • हाँ वाणी जातक की थोड़ी संयत और मधुर जरूर होती हैं
  • लेकिन धन सम्बन्धी भी दिक्कत-परेशानियां और परिवार में भी कलह-कलेश व समस्याएं वो सदैव देते हैं

वृषभ लग्न की कुंडली के नवम (नवं) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा, शानि देव की साधारण राशी और कुंडली की मूल-त्रिकोण राशी में आगये
  • दशा-अन्तर्दशा में व्यर्थ की मेहनत-परिश्रम करने के बाद भी परिणाम नहीं मिलते
  • फ़िज़ूल की यात्राएं होती ही रहती हैं
  • पिता से भी थोडा बहुत मन-मुटाव  जरूर करवाते हैं चन्द्र देव

वृषभ लग्न की कुंडली के दशम (दसवें) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • अपनी दशा-अन्तर्दशा में जातक को जरूरत से ज्यादा मेहनत करवाएँगे, जातक का छोटा सा काम होगा लेकिन  उसके लिए उसको खपना बहुत पड़ेगा तभी चंद्रमा परिणाम देंगे
  • चंद्रमा यहाँ काम-काज में मेहनत बढ़ा देते हैं, जातक को सामान्य से ज्यादा परिश्रम कर के ही परिणाम मिलते हैं, अन्यथा परिणामों में सदैव कमी रहती है

वृषभ लग्न की कुंडली के एकादश (ग्यारहवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चन्द्र देव अपनी पूरण दशा-अन्तर्दशा में कभी अच्छा फल देते ही नहीं हैं
  • जातक मेहनत बड़े भाई-बहनों के अंतर्गत रह कर करता है
  • छोटी-मोटी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या भी उसे रहती हैं, और उसके शरीर में जलीय सम्बन्धी स्वास्थ्य समस्या भी रहती हैं
  • लाभ बहुत ज्यादा खपने/भागने के बाद मिलता है, चंद्रमा यहाँ फ़िज़ूल की मेहनत करवाने के बाद ही लाभ देने के काबिल बनेगा अन्यथा वो लाभ कभी नहीं देने वाला
  • यहाँ चंद्रमा पुत्री का योग भी जरूर बनवाते हैं

वृषभ लग्न की कुंडली के द्वादश (बाहरवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


चंद्रमा यहाँ कभी अच्छा फल नहीं देंगे
  • पूरी जिंदगी में जब चंद्रमा की दशा-अन्तर्दशा चलती है, उसमें जातक जितनी मेहनत करता हैं उतना ही उसका व्यय हो जाता है और हम शुन्य हो कर वहीँ के वहीँ खड़े हो जाते हैं
  • अपनी दशा-अन्तर्दशा में दुर्घटना, मुकदमा, कोर्ट-केस/लिटिगेशन आदि समस्याएं जातक को सदैव खडी मिलती हैं



ध्यान दें: 
  • ग्रहों का कुंडली में सावधानी से अध्यान किये बगैर न तो कोई रत्न धारण करें और न ही कोई दान करें
  • ग्रहों के प्रभाव मुख्यत: दशा-अन्तर्दशा में ही दिखाई देते हैं
  • विभिन्न कारक जैसे विपरीत-राज-योग, नीच-भंग-राज-योग, कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दूसरे ग्रहों से संयोजन, ग्रहों का कोण/अस्त/वक्रीय होना ... ग्रहों द्वारा दिए जाने वाले परिणामों को प्रभावित करते है 
  • ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए किसी अछे ज्योतिषी से संपर्क करने के पश्चात् ही कोई उपाय करें
  • कई लोग आपको काल-सर्प, पित्र-दोष और मंगल-दोष आदि का डर दिखा कर अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं, ऐसे व्यक्तियों की बातों से बिलकुल नहीं घबराएं, उपाय सरल और आसान होते हैं जिन्हें आप बिना किसी की मदद के आसानी से स्वयं कर सकते हैं
  • रत्नों के चयन में कभी भी लापरवाही ना बरतें, मोती और पुखराज जैसे रत्न भी अगर कुंडली का उचित विवेचन किये बगैर पहने गए तो मृत्यु-तुल्य कष्ट तक दे सकते हैं 

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कुंडली के विस्तृत विश्लेषण के लिए संपर्क करें:
Vikas Bhardwaj
MBA - IT/Finance (MDI Gurgaon), M.Tech - Applied Mechanics (NIT Bhopal), B.E - Mechanical (REC Bhopal)
Past Experience - JPMorganChase & Co. / Capgemini / RRL / CresTech

Mob: +९१ ९८९९५७५६०६ / ९९२०३०३६०६
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