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चन्द्र (१) के परिणाम मेष लग्न के अलग-अलग भावों में - Blog H13 - 11022018

चन्द्र के परिणाम मेष लग्न के अलग अलग भावों में




मेष लग्न की कुंडली 



मेष लग्न की कुंडली के प्रथम (पहले) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • यहाँ चन्द्र देव सदैव अच्छा फल देगा
  • लेकिन एक थोडा सा नुक्सान ये जरूर देंगे की इंसान को अस्थिरचित्त वाला कर देंगे, क्योंकि अग्नि कारक राशी के ऊपर जल आना ज्यादा लाभ नहीं देता वो कहीं न कहीं इंसान को दुविधा में रखते हैं और जातक के निर्णय लेने में कमी जरूर ले आते है
  • लेकिन जातक को गाडी, भूमि, वाहन आदि सारी सुख-सुविधाएं ताउम्र मिलती हैं
  • जब भी चंद्रमा की दशा अन्तर्दशा चलती है इंसान के व्यक्तित्व में एक नयी आभा आती अहि एक नया निखार आटा है
  • जातक को पत्नी भी बहुत सुन्दर मिलती है, अगर लड़कियों की कुंडली है तो उसे पति बहुत सुन्दर मिलता है 
  • साझेदारी-पार्टनरशिप में फायदा होता है
  • रोजी-रोजगार में भी जातक को लाभ मिलता है

मेष लग्न की कुंडली के द्वितीय (दूसरे) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा उच्च के हो जाते है
  • अपनी दशा अन्तर्दशा में जातक की परिवार से बनती है, परिवार से सहयोग मिलता है
  • अनिश्चित लाभ होता है
  • जातक बहुत अच्छी वाणी बोलने वाला होता है और उसको सदैव इस बात का लाभ मिलता है. यहाँ तक की जातक अपनी वाणी से ही अपनी सारी समस्याओं को दूर कर लेता है

मेष लग्न की कुंडली के तृतीय (तीसरे) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा पूरण जिंदगी अपनी दशा अन्तर्दशा में कभी अच्छा फल नहीं देते
  • जातक का विदेश प्रवास या विदेश जा कर बसने का योग बना देते है
  • जातक को अपनी सुख सुविधाएं खुद खडी करने के लिए भाग-दौड़ करनी पड़ती है
  • अगर चंद्रमा बलि हुआ तो जातक का कहीं न कहीं छोटी बहन का योग भी बनता है 
  • इंसान का फ़िज़ूल मेहनत फ़िज़ूल भाग दौड़ करवाते ही रहते है चन्द्र देव

मेष लग्न की कुंडली के चतुर्थ (चौथे) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा अपनी स्व राशी में आगये हैं
  • जातक पूरी जिंदगी सारी सुख-सुविधाएं माता, गाडी, भूमि, वाहन से आजीवन भोगता है और उसे हर बात में लाभ मिलता है
  • चंद्रमा की महादशा अन्तर्दशा में उसके काम-काज में भी तरक्की होती है, काम-काज में नए रस्ते मिलते हैं और वो काम-काज ज्यादा अच्छा चला कर अपनी सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी कर के जीवन यापन सामान्य से ज्यादा अच्छा कर लेता है

मेष लग्न की कुंडली के पंचम (पांचवे) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चद्रमा बहुत अछे माने जाते हैं
  • पुत्री का योग पहले बना देते हैं चन्द्र देव और पुत्र का योग बाद में आएगा
  • इंसान की स्मरण-शक्ति/यादाश्त बहुत तेज़ होती है
  • इंसान हर काम दिमाग से सोच कर करने वाला होता है
  • जातक के प्रेम-प्रसंग बड़ी अच्छी अच्छी जगह होते हैं, ऐसी जगह वो लव-रोमांस करता है जहाँ उसने कभी सोचा भी नहीं होता या जहाँ उसको कभी उम्मीद ही नहीं होती 
  • जातक को जीवन-साथी और घर-बार बहुत अच्छा मिलता है
  • जातक को अनिश्चित-लाभ भी करवा देते हैं चन्द्र-देव

मेष लग्न की कुंडली के षष्ठम (छठे) भाव में चन्द्र के परिणाम


अपनी पूरी जिंदगी में जब भी चंद्रमा की दशा अन्तर्दशा चलती है जातक को सदैव समस्याएं ही देते हैं 
  • दशा-अन्तर्दशा में छठे भाव से सम्बंधित सारे नकारात्मक परिणाम देंगे
  • फ़िज़ूल का व्यय इंसान का सदैव होता ही रहेगा
  • जब से जातक का जनम होता है माता के स्वास्थ्य में कोई न कोई दिक्कत-परेशानियां सदैव बनी ही रहती है, कभी-कभी तो लम्बी बीमारियाँ भी देखि गई हैं चंद्रमा की दशा अन्तर्दशा में

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मेष लग्न की कुंडली के सप्तम (सातवें) भाव में चन्द्र के परिणाम

  • अपनी दशा अन्तर्दशा में चंद्रमा अच्छा फल देंगे ही साथ ही जातक को जीवन-साथी बहुत खूबसूरत मिलेगा
  • रोजी-रोजगार और साझेदारी-पार्टनरशिप में भी जातक को लाभ मिलता हैं
  • चंद्रमा की लगन पर दृष्टि भी सदैव लाभान्वित करती है
  • यहाँ चद्रमा जातक के व्यक्तित्व को सौम्य-खुशनुमा-मधुर बना देता है, जातक सदैव मुस्कुराता हुआ हंसी-ख़ुशी मिलता है

मेष लग्न की कुंडली के अष्ठम (आठवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चन्द्र्म कभी अच्छा फल नहीं देंगे क्योंकि यहाँ वो नीच के हो जाते हैं
  • अपनी दशा-अन्तर्दशा में जातक के जीवन की बाधाएं ख़तम ही नहीं होती
  • माता गाडी भूमि वाहन सम्बन्धी समस्याएं खडी ही रहती हैं
  • धन कुटुंब वाणी सम्बंधित भी चंद्रमा दिक्कत-परेशानियां ही ले कर आते हैं

मेष लग्न की कुंडली के नवम (नवं) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा जातक को पूरण रूप से लाभान्वित करेंगे
  • जातक की पिता से बहुत बनती है, जातक पिता की मानने वाला, सुनने वाला, सलाह लेने वाला होता है
  • जातक धर्म को मानता है
  • विदेश यात्रा करने का योग भी बनता है

मेष लग्न की कुंडली के दशम (दसवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा जातक के लिए अच्छा हो जाता है
  • दशा-अन्तर्दशा में चंद्रमा देवता सदैव काम-काज में लाभ देंगे, यहाँ वे काम-काज में वृद्धि के लिए बाध्य हो जाते हैं, दशा-अन्तर्दशा में जातक को काम-काज में तरक्की मिलती है, काम-काज के नए रस्ते खुलते हैं
  • सदैव गाडी, भूमि, वाहन, मकान जो भी बनने वाला होगा उसमें चंद्रमा सदैव लाभ देने वाले बनेंगे

मेष लग्न की कुंडली के एकादश (ग्यारहवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


  • यहाँ जातक को बड़े भाई-बहन से लाभ मिलता है
  • छोटा रोग जरूर लग सकता है
  • चन्द्र-देव यहाँ जातक को अनिश्चित लाभ भी करवाते है 

मेष लग्न की कुंडली के द्वादश (बाहरवें) भाव में चन्द्र के परिणाम


यहाँ चंद्रमा की दशा-अन्तर्दशा जातक को कभी स्थिर नहीं होने देती
  • जातक का विदेश प्रवास जरूर हो जाता है
  • दशा-अन्तर्दशा में फ़िज़ूल का व्यय इंसान के गले पड़ा रहता है, और वो सदैव ऐसी समस्याएं देता है जो कभी ख़तम नहीं होती
  • रोग, ऋण, कर्जा, दुर्घटना, मुकदमा से सम्बंधित भी दशा-अन्तर्दशा में चंद्रमा सदैव समस्या देते ही रहते हैं और वो इंसान को कभी कभार रक्त सम्बन्धी समस्या भी देती हैं
  • यहाँ चंद्रमा जातक के मन को जल्दी परेशान कर देते हैं
  • चंद्रमा अगर पीड़ित हुए तो जातक का मन सदैव परेशान ही रहने वाला है, यानी अगर चंद्रमा नीच हुआ, राहू-केतु के प्रभाव में आगया या अस्त हुआ तो वो जातक सामान्य से ज्यादा परेशान बहुत जल्दी हो जाता है 


ध्यान दें: 
  • ग्रहों का कुंडली में सावधानी से अध्यान किये बगैर न तो कोई रत्न धारण करें और न ही कोई दान करें
  • ग्रहों के प्रभाव मुख्यत: दशा-अन्तर्दशा में ही दिखाई देते हैं
  • विभिन्न कारक जैसे विपरीत-राज-योग, नीच-भंग-राज-योग, कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दूसरे ग्रहों से संयोजन, ग्रहों का कोण/अस्त/वक्रीय होना ... ग्रहों द्वारा दिए जाने वाले परिणामों को प्रभावित करते है 
  • ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए किसी अछे ज्योतिषी से संपर्क करने के पश्चात् ही कोई उपाय करें
  • कई लोग आपको काल-सर्प, पित्र-दोष और मंगल-दोष आदि का डर दिखा कर अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं, ऐसे व्यक्तियों की बातों से बिलकुल नहीं घबराएं, उपाय सरल और आसान होते हैं जिन्हें आप बिना किसी की मदद के आसानी से स्वयं कर सकते हैं
  • रत्नों के चयन में कभी भी लापरवाही ना बरतें, मोती और पुखराज जैसे रत्न भी अगर कुंडली का उचित विवेचन किये बगैर पहने गए तो मृत्यु-तुल्य कष्ट तक दे सकते हैं 

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कुंडली के विस्तृत विश्लेषण के लिए संपर्क करें:
Vikas Bhardwaj
MBA - IT/Finance (MDI Gurgaon), M.Tech - Applied Mechanics (NIT Bhopal), B.E - Mechanical (REC Bhopal)
Past Experience - JPMorganChase & Co. / Capgemini / RRL / CresTech

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